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Showing posts from January, 2018

Mohabbat kis se ki jaye ?

Mohabbat kis se ki jaye ?  1)Duniya se? Ye to rulaati hai, 2)Phoolon se? Woh to murjha jaatey hai, 3)Paise se? Woh to rishto ko todti hai, 4)Bulanndi se? Woh to mooh ke bal giraati hai, 5)Khooshi se? Woh to waqt ki hoti hai 6)Logon se? Woh to bewafa hote hai, To phir aakhir Muhabbat kis se ki jaye ? MUHAMMAD Sallallahu alaihevasallam se Jo uss din bhi saath nibhayenge jab ''Maa baap''bhi apni aulad ko bhool jayenge..! ISS MSG KO ITNA SEND KARO JITNA IS NAAM SE PYAR HAI. 👉Dua mein yaad rakhna "AKHIRAT" Ka "PAPER" Out Hai?    Section (A)     "QABAR"   Section (B)   "HASHAR" Section "A" Mein 3  Q/s Hai Q1.Tumhara RAB Kaun Hai? Q2.Tumhara DEEN Kya Hai? Q3 Tumhara NABI Kaun Hai? Section "B"  5 Q/S Q1. Apni Umar Kahan Guzari? Q2. Jawani Kin Kamon Mein Kharch Hui? Q3. Maal Kahan Se Kamaya? Q4. Aur Kahan Kharch kiya? Q5. Apnay ilm Par Kya Amal Kiya? Jis K Pa...

हज़रत अली R.A

      हजरत अली नमाज़ की फ़िक्र अपने ऊपर फ़र्ज़ करलो .. !! खुदा की कसम दुनिया की फ़िक्र से आज़ाद हो जाओगे, और क़ामयाबी तुम्हारे क़दम चूमेंगी ...      हजरत अली दौलत, हुक़ूमत और मुसीबत में आदमी के अक्ल का इम्तेहान होता है कि आदमी सब्र करता है या गलत क़दम उठता है।   हजरत अली कभी तुम दुसरों के लिए दिल से दुवा मांग कर देखो तुम्हें अपने लिए मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी ..   हजरत अली अगर कोई शख्स अपनी भूख मिटाने के लिए रोटी चोरी करे तो चोर के हाथ काटने के बजाए बादशाह के हाँथ काटे जाए।   हजरत अली जब नेमतों पर शुक्र अदा किया जाए तो वह कभी ख़त्म नही होती।          Hazrat Ali R.A

मौत के वक़्त की कैफियत-Maut Ke Waqt Kya Hoga

  मौत के वक़्त की कैफियत जब रूह निकलती है तो इंसान का मुंह खुल जाता है होंठ किसी भी कीमत पर आपस में चिपके हुए नही रह सकते... रूह पैर के अंगूठे से खिंचती हुई ऊपर की तरफ़ आती है जब फेफड़ो और दिल तक रूह खींच ली जाती है तो इंसान की सांस एक तरफ़ा बाहर की तरफ़ ही चलने लगती है ये वो वक़्त होता है जब चन्द सेकेंडो में इंसान शैतान और फरिश्तों को दुनिया में अपने सामने देखता है... एक तरफ़ शैतान उसके कान के ज़रिये कुछ मशवरे सुझाता है तो दूसरी तरफ़ उसकी जुबान उसके अमल के मुताबिक़ कुछ लफ्ज़ अदा करना चाहती है अगर इंसान नेक होता है तो उसका दिमाग उसकी ज़ुबान को कलमा ए शहादत का निर्देश देता है और अगर इंसान काफ़िर मुशरिक बद्दीन या दुनिया परस्त होता है तो उसका दिमाग कन्फ्यूज़न और एक अजीब हैबत का शिकार होकर शैतान के मशवरे की पैरवी ही करता है और इंतेहाई मुश्किल से कुछ लफ्ज़ ज़ुबान से अदा करने की भरसक कोशिश करता है...। ये सब इतनी तेज़ी से होता है की दिमाग़ को दुनिया की फ़ुज़ूल बातों को सोचने का मौका ही नहीं मिलता...। इंसान की रूह निकलते हुए एक ज़बरदस्त तकलीफ़ ज़हन महसूस करता है लेकिन तड़प इसलिए नहीं ...

कौन है गौसे आज़म ? Gause Aazam R.A Ki Shaan

शाने गौसे आज़म – कौन है गौसे आज़म ? – जिसने जामा मस्जिद के मिम्बर पर खड़े होकर ये ऐलान किया :- क़दमी हाज़िही अला रक्बती कुल्ली वलीइल्लाह ! तर्जुमा:- मेरा क़दम तमाम औलिया की गर्दनों पर है । कौन है गौसे आज़म ? – जिन्होंने माँ के पेट में ही 11 पारे हिफ्ज़ किए । कौन है गौसे आज़म ? – जिसने बारह साल पहले डूबी हुई कश्ती को बारातियों के साथ ज़िन्दा निकाला सिर्फ एक पल में। कौन है गौसे आज़म ? – जिन्होंने एक हज़ार साल पुरानी क़ब्र को ठोकर मार कर मुर्दे को ज़िन्दा कर दिया । कौन है गौसे आज़म ? – जो अपने मुरीदों के लिए इर्शाद फरमातें हैं के जब तक मेरा एक एक मुरीद जन्नत में नही चला जाए तब तक अब्दुल क़ादीर जन्नत में नही जाएगा ।

सुन्नी मीलाद क्यों मनाते है

सुन्नी मीलाद क्यों मनाते है मीला द इबलीस ने नही मनाया मगर हम मनाते है मीलाद अबु जेहल ने नही मनाया मगर हम मनाते है मीलाद यज़ीद ने नही मनाया मगर हम मनाते है मीलाद देओबंदीयों तबलिगीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है मीलाद मक़्क़ा और मदीना के मुशरीकों ने नही मनाया मगर हम मनाते है मीलाद सल्फीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है मीलाद यहूदीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है मीलाद ख़ारीजीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है लेकिन अब ये भी सुनों तबलिगी वहाबी पकोड़ो हम क्यों मनाते है 👉 मीलाद फरिश्तों ने मनाया और हम मनाते है मीलाद हूरों ने मनाया और हम मनाते है मीलाद सहाबीयों ने मनाया और हम मनाते है मीलाद मौला अ़ली ने मनाया और हम मनाते है मीलाद इमाम हसन हुसैन ने मनाया और हम मनाते है मीलाद गौसे आज़म ने मनाया और हम मनाते है मीलाद ख्वाजा गरीब नवाज़ ने मनाया और हम मनाते है मीलाद मख़दूम अशरफ ने मनाया और हम मनाते है मीलाद इमाम अहमद रज़ा ने मनाया और हम मनाते है मीलाद हर एक आशिक ने मनाया और हम मनाते है मीलाद क़ायनात के ज़र्रे ज़र्रे ने मनाया और हम मनाते है तो मालुम हुआ मी...

Sandal jalapuri Naat Sharif

Sandal jalapuri Naat Sharif अगर चाहते है फूल से पथ्थर को तोड़ना तो रिश्ता रसूले पाक की सीरत से जोड़ना मेरी हयात मुझ से कभी मुँह न मोड़ना ले जा के मुझ को शहरे मदीना में छोड़ना ये इम्तिहाने सब्र था वर्ना हुसैन को आता था पत्थरों से भी पानी निचोड़ना देती रहेंगी फातिमा ज़हरा हमें दुआ यारों  गमे हुसैन से रिश्ता न तोड़ना मुझ को दुआ देके ये बोली थी मेरी माँ बेटा कभी हुसैन का दामन न छोड़ना By Sandal jalapuri Naat Sharif

क़यामत के दिन सवाल ये भी पुछा जायेगा

 क़यामत के दिन सवाल ये भी पुछा जायेगा की अपनी अगुलियों के नाम बताओ ,  जवाब:-  अपने हाथ की छोटी अगुली से शुरू करें (1)आमीन (2) अमानत                              (3)जन्नत (4)शहादत (5) फर्ज़                                ये वो बातें हैं जो बहुत कम लोगों को मालूम होंगी 5 जगह हंसना  25 गुनाहों के बराबर है 1.कब्रिस्तान में 2.जनाज़े के पीछे          3.मजलिस में 4.तिलावत -ऐ- कुरान में 5.मस्जिद में   ✳सिर्फ 1बार भेजो  बहुत लोग  इस  गुनाह से बचेंगे     अकेले हो?      अल्लाह को याद करो  परेशान हो?       दरुद ऐ पाक पढ़ो.   उदास हो?      या हय्यु या कय्यूम पढो.   टेन्शन मे हो?       या रहीम पढो.  फ्री हो?   फोरवार्ड करो         ...