सुन्नी मीलाद क्यों मनाते है
सुन्नी मीलाद क्यों मनाते है
मीला द इबलीस ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद अबु जेहल ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद यज़ीद ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद देओबंदीयों तबलिगीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद मक़्क़ा और मदीना के मुशरीकों ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद सल्फीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद यहूदीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद ख़ारीजीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है
लेकिन अब ये भी सुनों
तबलिगी वहाबी पकोड़ो हम क्यों मनाते है 👉
मीलाद फरिश्तों ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद हूरों ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद सहाबीयों ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद मौला अ़ली ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद इमाम हसन हुसैन ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद गौसे आज़म ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद ख्वाजा गरीब नवाज़ ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद मख़दूम अशरफ ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद इमाम अहमद रज़ा ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद हर एक आशिक ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद क़ायनात के ज़र्रे ज़र्रे ने मनाया और हम मनाते है
तो मालुम हुआ मीलाद जहन्नमी नही जन्नती मनाते है
तभी तो बरैली के ताजदार
सुन्नीयत की शान
कौम के इमाम
नबी के गुलाम
रिज़वीयों की जान
चिश्तियो की आन
कादरी पठान
इल्म की चट्टान
टी टी एस की पहचान
अहमद रज़ा खान
फरमाते है
तुझसे और जन्नत से क्या मतलब वहाबी दूर हो हम से हम रसूलुल्लाह के जन्नत रसूलल्लाह
मीला द इबलीस ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद अबु जेहल ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद यज़ीद ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद देओबंदीयों तबलिगीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद मक़्क़ा और मदीना के मुशरीकों ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद सल्फीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद यहूदीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है
मीलाद ख़ारीजीयों ने नही मनाया मगर हम मनाते है
लेकिन अब ये भी सुनों
तबलिगी वहाबी पकोड़ो हम क्यों मनाते है 👉
मीलाद फरिश्तों ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद हूरों ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद सहाबीयों ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद मौला अ़ली ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद इमाम हसन हुसैन ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद गौसे आज़म ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद ख्वाजा गरीब नवाज़ ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद मख़दूम अशरफ ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद इमाम अहमद रज़ा ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद हर एक आशिक ने मनाया और हम मनाते है
मीलाद क़ायनात के ज़र्रे ज़र्रे ने मनाया और हम मनाते है
तो मालुम हुआ मीलाद जहन्नमी नही जन्नती मनाते है
तभी तो बरैली के ताजदार
सुन्नीयत की शान
कौम के इमाम
नबी के गुलाम
रिज़वीयों की जान
चिश्तियो की आन
कादरी पठान
इल्म की चट्टान
टी टी एस की पहचान
अहमद रज़ा खान
फरमाते है
तुझसे और जन्नत से क्या मतलब वहाबी दूर हो हम से हम रसूलुल्लाह के जन्नत रसूलल्लाह
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