अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का वाक्या
एक मर्तबा
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम
हजरत फातिमा रजि अल्लाह ताला के घर गए
आपने दरवाजे पर खड़े होकर आवाज़ दी
बेटी में अंदर आना चाहता हूं
अंदर से आवाज आई,
अब्बाजान
अंदर आने से पहले अपनी चादर अदंर फेक दें
आपने चादर दे दी अदंर तशरीफ़ ले गए
पूछा बेटी क्या बात है,
आज चादर मांगी पहले
कहने लगीं,
अब्बाजान इतना कपड़ा नहीं है कि पूरा बदन छुपा सकूं
इतनी तंगी है,
हजरत फातमा ने
नमाज पढ़ने के लिए
नियत बांधी मुसल्ले पर,
धड़ाम से गिर पड़ी,
फिर नियत बांधी,
फिर गिर पड़ी,
अल्लाह के रसूल ने पूछा
बेटी क्या बात है,
कहने लगी अब्बाजान,
आज तुम्हारी बेटी का 5 दिन का फाका है,
अल्लाह के रसूल की रहमत जोश में आई,
फरमाया बेटी,
मुसल्ला तो उठा,
हजरत फातिमा ने जो मुसल्ला उठाकर देखा,
नीचे सोने का ढेर लगा हुआ है,
.
अल्लाह के रसूल ने फरमाया,
बेटी जितना चाहे सोना उठा ले, लेकिन कयामत के दिन हिसाब देना पड़ेगा,
खुदा की कसम क्या जवाब दिया नबी की बेटी ने
अब्बा जान फाकाकशी मंजूर है
लेकिन कयामत का हिसाब-किताब मंजूर नहीं
उन्होंने सोने के ऊपर वापस मुसल्ला डाल दिया,
दोस्तों नबी की बेटी होकर, कयामत के हिसाब किताब की फिक्र है,,
और आज हम….
मेरे भाइयों आज हम दुनिया में इतने मशगूल हो गए,
कि हमें कयामत के दिन का हिसाब किताब की याद नहीं, अल्लाह ताला हमारी हिफाजत फरमाए,
Post न करने से कोई नुकसान नही
,और post करने से कोई मुराद पूरी भी नही होगी ।
मगर post करने से कुछ न कुछ दीन की मालूमात होती रहेगी ।
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम
हजरत फातिमा रजि अल्लाह ताला के घर गए
आपने दरवाजे पर खड़े होकर आवाज़ दी
बेटी में अंदर आना चाहता हूं
अंदर से आवाज आई,
अब्बाजान
अंदर आने से पहले अपनी चादर अदंर फेक दें
आपने चादर दे दी अदंर तशरीफ़ ले गए
पूछा बेटी क्या बात है,
आज चादर मांगी पहले
कहने लगीं,
अब्बाजान इतना कपड़ा नहीं है कि पूरा बदन छुपा सकूं
इतनी तंगी है,
हजरत फातमा ने
नमाज पढ़ने के लिए
नियत बांधी मुसल्ले पर,
धड़ाम से गिर पड़ी,
फिर नियत बांधी,
फिर गिर पड़ी,
अल्लाह के रसूल ने पूछा
बेटी क्या बात है,
कहने लगी अब्बाजान,
आज तुम्हारी बेटी का 5 दिन का फाका है,
अल्लाह के रसूल की रहमत जोश में आई,
फरमाया बेटी,
मुसल्ला तो उठा,
हजरत फातिमा ने जो मुसल्ला उठाकर देखा,
नीचे सोने का ढेर लगा हुआ है,
.
अल्लाह के रसूल ने फरमाया,
बेटी जितना चाहे सोना उठा ले, लेकिन कयामत के दिन हिसाब देना पड़ेगा,
खुदा की कसम क्या जवाब दिया नबी की बेटी ने
अब्बा जान फाकाकशी मंजूर है
लेकिन कयामत का हिसाब-किताब मंजूर नहीं
उन्होंने सोने के ऊपर वापस मुसल्ला डाल दिया,
दोस्तों नबी की बेटी होकर, कयामत के हिसाब किताब की फिक्र है,,
और आज हम….
मेरे भाइयों आज हम दुनिया में इतने मशगूल हो गए,
कि हमें कयामत के दिन का हिसाब किताब की याद नहीं, अल्लाह ताला हमारी हिफाजत फरमाए,
Post न करने से कोई नुकसान नही
,और post करने से कोई मुराद पूरी भी नही होगी ।
मगर post करने से कुछ न कुछ दीन की मालूमात होती रहेगी ।
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